सिरसा ज़िले में कौन है आगे, जेजेपी या इनेलो?
सत्यखबर चंडीगढ़ (ब्यूरो रिपोर्ट) – सिरसा ज़िला परंपरागत रूप से इनेलो का गढ़ रहा है। इस जिले में विधानसभा की पांच सीटें आती हैं। ये सीटें हैं सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, रानियां और कालांवाली।
अगर इन सीटों का इतिहास देखा जाए तो पिछले चुनाव में इन पांचों सीटों पर इनेलो जीती थी। सिरसा सीट को छोड़ दें, तो बाकी की चार सीटों पर इनेलो का पूरा प्रभाव रहा है। पिछले कई चुनाव से इन सीटों पर ज्यादातर इनेलो ही जीतती आई है। शहरी सीट होने का कारण सिरसा सीट अलग अलग पार्टियों के खाते में जाती रही है।
लेकिन इस बार इस ज़िले में हालात बदले हुए हैं। दो नए समीकरण उभर कर आ गए हैं। एक तो बीजेपी का उठान और दूसरे इनेलो में घर की फूट। यहां हम बीजेपी की बात नहीं करेंगे। इनेलो और जेजेपी में क्या स्थिति बन रही है, आइये जानते हैं।
ऐलनाबाद सीट पर इनेलो के बड़े नेता अभय चौटाला विधायक हैं। इस सीट पर वो अभी भी जेजेपी से काफी आगे हैं। इस सीट पर मुकाबले में अभय चौटाला तो रहेंगे ही। इनेलो में फूट का असर इस सीट पर नहीं हुआ है। इस इलाके से जुड़े तमाम बड़े नेता आज भी अभय के साथ खड़े हैं।
उधर सिरसा में इनेलो के मौजूदा विधायक मक्खन लाल सिंगला बीजेपी में चले गए हैं। इसके बावजूद इस सीट पर इनेलो के पास कई कद्दावर नेता हैं, जो मैदान संभाल सकते हैं। लेकिन जेजेपी के पास कोई ऐसा नेता नहीं है जो विरोधियों को टक्कर दे सके। इस सीट पर भी इनेलो जजपा से आगे लगती है।
कालांवाली आरक्षित सीट है। पिछले दो चुनाव में यहां इनेलो और अकाली दल का गठबंधन था। दोनों ही बार गठबंधन का विधायक बना। लेकिन इस बार इस सीट पर हालात बदल गए हैं। इनेलो के बड़े नेता जेजेपी में शामिल हो गए हैं। इस सीट पर जेजेपी को इनेलो से हलकी बढ़त हासिल है।
डबवाली में जजपा की नेता नैना चौटाला विधायक थी। इनेलो इस सीट पर अपना गढ़ मज़बूत करने में लगी है। चौटाला परिवार की ही सुनैना चौटाला को चुनाव लड़वाने की तैयारी की जा रही है। माना जा रहा है कि दोनों में कांटे की टक्कर हो सकती है।
इस ज़िले में पड़ने वाली आखिरी सीट है रानियां। इनेलो के मौजूदा विधायक राम चंद्र कंबोज बीजेपी में चले गए हैं। पूर्व विधायक कृष्ण कंबोज जेजेपी में शामिल हो गए हैं। इस सीट पर भी इनेलो और जेजेपी में कड़ी टक्कर दिख रही है, हालांकि जेजेपी को कुछ बढ़त हासिल है।